संक्रामक रोग से बचने के उपाय - An Overview



टीबी से शरीर का जो हिस्सा प्रभावित होता है, उसी के आधार पर टीबी के लक्षण विकसित होते हैं। टीबी आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते है, और आपको यह पता लगने में कई हफ्ते लग जाते हैं कि आप अस्वस्थ हैं। हो सकता है कि संक्रमित होने के बाद आपके लक्षण महीनों और यहां तक कि साल बाद शुरू होने लगें।

संक्रामक रोगों के प्रकार एवं उनका प्रसार

जीवन शैली और अन्य समस्याएं जैसे शराब का दुरुपयोग या बेघरता आदि के कारण कमजोर स्वास्थ्य या खराब आहार।

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संपादकीय विभाग भारत समेत तीन देशों में टीबी...

यह प्रक्रिया अमरीकी दवा कंपनी फ़ाइज़र की गोली पैक्सलोविड की तरह ही काम करती है। नैदानिक परीक्षणों में भाग लेने वाले रोगियों को पाँच दिनों तक दिन में एक बार ज़ोकोवा दी गयी। चौथे दिन, वायरस प्रारंभिक राशि के लगभग तीसवें हिस्से तक कम हो गया और कोई गंभीर दुष्प्रभाव दिखाई नहीं दिये।

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यह सर्वविदित है कि कोरोनावायरस और इंफ़्लुएंज़ा, दोनों के ही टीके संक्रामक रोग से बचने के उपाय संक्रमण से बचाव में प्रभावकारी हैं। वहीं, टीके लगने के बावजूद भी संक्रमित होने पर टीकों के कारण लक्षण गंभीर बनने का ख़तरा बहुत कम हो जाता है।

एक्ट्रापल्मोनरी टीबी – टीबी का यह प्रकार फेफड़ों से अन्य जगहों पर होते हैं, जैसे हड्डियां, किडनी और लिम्फ नोड आदि। टीबी का यह प्रकार प्राथमिक रूप से इम्यूनोकॉम्प्रॉमाइज्ड (प्रतिरक्षा में अक्षम) के रोगियों में होता है।

लेकिन चिकित्सक और अन्य विशेषज्ञ ऐसी व्यवस्था क़ायम करने की आवश्यकता ज़ाहिर कर रहे हैं जिसके तहत हल्के रूप से बीमार रोगी अपनी स्थिति बिगड़ने पर जल्द चिकित्सकीय परामर्श ले सकें।

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शारीरिक फिटनेस को प्रभावित करने वाले कारक तथा शारीरिक फिटनेस के लाभ

स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के प्रमुख वाकिता ताकाजि ने कहा कि स्वरोपित संगरोध की अवधि घटाये जाने के बाद, संक्रमण के जोखिम के बारे में जनता को आगाह करना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि हम सभी को वायरस-रोधी उपाय करने चाहिए और जोखिम कम करने की दिशा में क़दम उठाने चाहिए।

टीबी का परीक्षण कभी-कभी सीधा होता है, लेकिन कुछ लोगों में इसका परीक्षण करना काफी मुश्किल हो जाता है। सामान्यतौर पर इसका परीक्षण क्लीनिकल चित्र (आपके लक्षण व डॉक्टर के परीक्षण) को देखने हुऐ किया जाता है। फिर इसको अन्य टेस्टों के परीणामों के साथ जोड़ दिया जाता है। शुरूआत में आमतौर पर छाती एक्स-रे और/या ट्यूबरकुलिन स्किन टेस्ट किया जाता है और उसके बाद कफ (थूक) की जांच की जाती है।

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